राज्यसभा की रेस, दो सीट.. किसे मौका? आखिर क्या है इसका चुनावी गणित…..पढ़िए पूरी खबर….?

रायपुरः छत्तीसगढ़ में 29 जून को राज्यसभा की दो सीटें खाली होने वाली है। एक-एक सीट पर बीजेपी-कांग्रेस का कब्जा है। वोटों के गणित के आधार पर इस बार दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही है। चुनाव में अभी वक्त है लेकिन अभी से सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं के बीच सुगबुगाहट तेज है। राज्यसभा के दावेदारों को यूपी चुनाव के खत्म होने का इंतजार है। सूत्रों के मुताबिक दावेदारों की लंबी सूची है। फिलहाल इस संबंध में कांग्रेस खुलकर बोलने से बच रही है, लेकिन इतना जरूर कह रही है कि आलाकमान से चर्चा के बाद नामों की घोषणा होगी। तो कौन-कौन है इस बार राज्यसभा की रेस में? क्या है इसका चुनावी गणित?

4 महीने बाद जून महीने में खाली हो रही छत्तीसगढ़ के राज्यसभा की 2 सीटों को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। विधानसभा सदस्यों की संख्या को देखते हुए दोनों सीट कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही है। राज्य के कोटे की जो दो सीट जून में खाली हो रही है। उसमें से एक सीट से कांग्रेस की छाया वर्मा और दूसरी से बीजेपी के रामविचार नेताम सांसद हैं। छत्तीसगढ़ गठन के बाद 15 साल तक बहुमत के आधार पर बीजेपी 3 सीटों पर जबकि कांग्रेस 2 सीटों पर कब्जा जमाती रही है। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रिकॉर्ड जीत ने पूरा सियासी समीकरण बदल दिया। बीजेपी नेता भी इस सच से वाकिफ हैं। हालांकि बीजेपी तंज जरूर कस रही है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कुलपति की नियुक्तियों को लेकर स्थानीय प्रतिभाओं की वकालत कर रहे हैं तो क्या कांग्रेस छत्तीसगढ़ के किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति को राज्यसभा भेजेगी या फिर किसी और को?

विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत का फायदा कांग्रेस को बीते राज्यसभा चुनाव में भी मिला था। जब केटीएस तुलसी और फूलोदेवी नेताम निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए थे। इस बार भी कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। लेकिन दावेदारों की लंबी फेहरिस्त कांग्रेस हाईकमान की सिरदर्द जरूर बढ़ाएगा। हालांकि इस सूची में सत्ता संगठन के प्रभावशाली नाम की चर्चा है। वैसे चर्चा इस बात की भी है कि एक सीट हाईकमान के निर्देश पर किसी केंद्रीय नेता को दी जा सकती है। फिलहाल इस संबंध में कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। लेकिन कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे का कहना है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हाईकमान से चर्चा करेंगे और उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ के लिए काम करने वालों में से किसी को अवसर दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में राज्यसभा सदस्य के लिए 31 विधायकों का समर्थन चाहिए। फिलहाल कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं। लिहाजा दोनों सीटों पर कांग्रेस का निर्विरोध जीतना तय है। क्योंकि बीजेपी के 14, जोगी कांग्रेस के 3 और बसपा के 2 विधायक मिलाकर भी 31 की संख्या तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। यानी छत्तीसगढ़ में राज्यसभा का चुनाव पिछली बार की तरह इस बार महज औपचारिकता ही रहेगा। लेकिन स्थानीय नेता की जोर पकड़ती मांग कांग्रेस आलाकमान का सिरदर्द जरूर बढ़ाएगा।

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